
यूएस-चीन ट्रेड जंग पूरे जोर पर है।
जैसे-जैसे चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड टकराव एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है, तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चीनी समकक्ष को एक नया अल्टीमेटम जारी करते हुए मांग की है कि बीजिंग अमेरिकी सामानों पर लगाए गए 34% के प्रतिशोधी टैरिफ को वापस ले। ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि चीन ने इनकार किया, तो वॉशिंगटन चीन से आयात पर अतिरिक्त 50% टैरिफ लगाएगा।
यह टैरिफ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं एक और टकराव की ओर बढ़ रही हैं, और बाज़ार व विशेषज्ञ सांसें थामे हुए हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यही है — पहले झुकता कौन है?
अपने ताज़ा बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी है कि अगर बीजिंग ने वॉशिंगटन की मांग नहीं मानी, तो चीनी सामानों पर एक और टैरिफ लहर लागू की जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि मौजूदा 34% और पहले से लागू 20% ड्यूटी के अलावा, सभी चीनी आयातों पर कुल टैरिफ बोझ 100% या उससे भी अधिक हो सकता है।
ट्रंप पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि बीजिंग की किसी भी प्रतिक्रिया से मौजूदा बातचीत पटरी से उतर सकती है। यदि चीन और प्रतिबंधों पर अड़ा रहा, तो उसने जो भी बातचीत की मांग की है, वे सभी स्थगित कर दी जाएंगी। इसके विपरीत, अमेरिका अब भी उन देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार है जो टैरिफ छूट चाहते हैं, और उन बातचीतों की शुरुआत "जल्द से जल्द" की जाएगी।